logo

Rules of Bank : किसी भी अकाउंट में कैश जमा करने करने से पहले, ये जरूरी नियम जानें

Rules of Bank : आजकल हर कोई अपने पैसों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए बोहोत सारे नियम बनाए गए हैं। और आपको इन नियमों के बारे में पता होना चाहिए तो इस लेख के माध्यम से जानें वह नियम
 
Rules of Bank : किसी भी अकाउंट में कैश जमा करने करने से पहले, ये जरूरी नियम जानें
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana Update : पिछले साल सरकार ने 206500 के नोटों को बंद कर दिया था और उसके बाद लोग इन नोटों को एक्सचेंज करवाने के लिए और बैंकों में जमा करवाने के लिए लाइन में लगे रहे , कुछ लोग ऐसे भी थे जो इन नोटों को जमा करवाने के चलते इनकम टैक्स विभाग की नज़रो में आए गए थे, तो ऐसे में लोगों ने RBI से ये सवाल करना शुरू कर दिया की आखिरकार बैंक में कॅश जमा करवाने की क्या लिमिट है और एक आम इंसान एक बार में कितना कैश जमा करवा सकता है।  आइये आज हम इसके बारे में ही जानेगे 

ये है बैंक की लिमिट 
इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, कुछ लेनदेन को विशेष वित्तीय लेनदेन माना जाता है। अगर किसी वित्त वर्ष में कोई व्यक्ति अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये नकद जमा करता है तो बैंक को इस तरह के लेनदेन को रिपोर्ट करना होगा। वहीं, अगर किसी वित्त वर्ष में चालू खाते में कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये जमा करता है तो बैंक को इस तरह के लेनदेन को रिपोर्ट करना होगा।

बता दें, नकद जमा करने पर सरकार की ओर से कोई भी टैक्स नहीं लिया जाता है। हालांकि, उसका सोर्स होना चाहिए। इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 194N के मुताबिक, एक सीमा से अधिक नकद की निकासी पर टीडीएस काटा जाता है।

अगर आप पिछले तीन सालों से लगातार आईटीआर जमा कर रहे हैं तो एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर 2 प्रतिशत का टीडीएस कटेगा। वहीं, अन्य मामलों में एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक निकालने पर 2 प्रतिशत का टीडीएस और एक करोड़ से अधिक निकालने पर 5 प्रतिशत का टीडीएस कटेगा।

बताना होगा पैसे का सोर्स 
कई बार देखा जाता है कि लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरना भूल जाते हैं या फिर किसी छूट के चलते मिले लाभ को अपने आयकर में दिखाते हैं। इस कारण से बैंक में कैश जमा करने पर आपको इनकम टैक्स अथॉरिटी नोटिस जारी कर सकती है। ये नोटिस इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 68 के तहत जारी किया जाता है और नोटिस जारी होने के बाद भी अगर आप सोर्स नहीं बता पाते हैं तो उस राशि पर 60 प्रतिशत का टैक्स, 25 प्रतिशत का सरचार्ज और 4 प्रतिशत का सेस लगेगा।

कैश लोन को लेकर क्या है नकद जमा और निकासी के नियम
इनकम टैक्स की धारा 269SS और 269 T के मुताबिक, कोई भी व्यापारी एक वित्त वर्ष में 20000 से अधिक का कैश लोन स्वीकार या पुनर्भुगतान नहीं कर सकता है। अगर वह इस सीमा उल्लंघन करता है तो धारा 271D और 271E के मुताबिक उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।