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FD करवाने के होते हैं ये नुकसान, फटाफट जानिए

अगर आप भी एफडी करवाने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है लोग समझते हैं कि FD में सिर्फ फायदा मिलता है लेकिन आज किस खबर में हम आपको FD के पांच ऐसे नुकसान बताएंगे जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे

 
FD करवाने के होते हैं ये नुकसान, फटाफट जानिए

Haryana Update : Bank में FD कराना India में Invest का सबसे लोकप्रिय Option कहा जा सकता है। इसमें आपको कम पैसे में अपने मुताबिक Invest करने की सुविधा मिलती है। यही वजह है कि Bank फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे लोकप्रिय इन्वेस्ट ऑप्शन बना हुआ है। ये फायदे FD को बेहद आकर्षक बनाते हैं. लेकिन FD के कुछ Nuksan भी हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है. इन Nuksan में कम Interest दर, Fund का लॉक इन, पैसा निकासी पर Penalty , कुछ हद तक Tax का लाभ नहीं और फिक्स्ड Interest दर आदि.

घाटे की बात करें तो सबसे पहला मुद्दा रिड्यूशिंग इंटरेस्ट रेट का है. FD की Interest दर महंगाई को मात देती नहीं दिखती. अभी रेपो रेट बढ़ने से भले FD रेट बढ़ रहे हैं, लेकिन महंगाई दर को मात देने में FD अभी भी पीछे है. इसका अर्थ हुआ कि FD में Invest करने के बाद भी महंगाई दर से अधिक की कमाई नहीं होती. अभी रेट भले बढ़ रहे हैं, लेकिन पूर्व में FD की दरों में लगातार गिरावट दिखी है.

दूसरा बड़ा घाटा Fund के लॉक इन का है. FD में जब पैसा Add किया जाता है, तो उसी वक्त एक Time पीरियड भी तय हो जाती है कि आप इतने Years तक अपना पैसा नहीं निकाल सकते. विपरीत परिस्थितियों में निकासी की सुविधा मिलती है, लेकिन Penalty देना पड़ता है. इससे आपका पैसा एक तरह से फंस जाता है. आपका ही Money जब आप निकालने जाएंगे तो Penalty देना पड़ता है. यह एक बड़ा Nuksan माना जाता है. यानी अपनी FD को Cash में भुनाना इतना आसान नहीं.

निकासी पर Penalty किसी भी ग्राहक के लिए कष्टदायक होता है. एक तो ग्राहक की ही पैसा निकालने में दिक्कत होती है. दूसरी अगर किसी मुश्किल अपना ही पैसा निकालने की जरूरत पड़े, तो Bank Penalty काटते हैं. इसमें भी बड़ी परेशानी ये होती है कि जुर्माने के तौर पर पैसा नहीं लिया जाता, बल्कि FD की Interest दर को घटा दिया जाता है. ऐसा सेविंग Account में जमा पैसे पर नहीं होता. saving में भी Interest मिलता है, लेकिन आप आसानी से जब मर्जी अपना पैसा निकाल लेते हैं.

FD में ग्राहक पैसा इसलिए जमा करता है ताकि उसे अच्छा खासा रिटर्न मिले. लेकिन उस रिटर्न पर Tax देना पड़े, तो फायदा कम हो जाता है. FD पर मिलने वाला Interest ग्राहक के टैक्सेबल इनकम  में जुड़ जाता है. इसलिए कमाए गए Interest पर कोई Tax डिडक्शन नहीं मिलता. हालांकि सीनियर सिटीजन को Interest पर 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है. एक बड़ा घाटा फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट का भी है. FD की पूरी अवधि के लिए Interest दर निर्धारित हो जाती है. अगर रेट बढ़े भी तो FD की वही दर होती है जो पहले फिक्स हो चुकी है. यह ग्राहकों के लिए घाटे का सौदा होता है.


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